Chapter 1
जल्दी शादी बरबादी बरबादी
छोटे से छोटा परिवार सुखी परिवार
एक छोटी सी कहानी….
एक शख्स
उसका कोई नाम नहीं है
दरसअल उसका नाम शख्स ही है
शख्स! ये भी कोई नाम है
मान भी लीजिए हुज़ूर
उसका नाम बस यही है
शख्स!!!!
उसका नाम शख्स क्यों है
ये छोटी सी कहानी पढ़कर आपको अंदाज़ा हो जाएगा।
शख्स के मन में बस एक ख्वाइश है
शख्स के मन में बस एक जुनून है
और वो जीवन में कुछ भी नहीं करना चाहता इसके अलावा
जैसे ऊपर वाले ने उसे बस एक ही काम के लिए भेजा है
और शख्स समझता है कि अगर वो इस काम को पूरा नहीं कर पाया तो उसके जीवन का मकसद पूरा नहीं होगा
शख्स की आत्मा को
शख्स की रूह को शांती नहीं मिलेगी
शख्स समझता है कि अब उसको घर से निकल जाना चाहिए अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए
अपने जीवन की इस एक मात्र मंज़िल को पाने के लिए।
तो शख्स निकल पड़ता है अपने घर से
गांव गांव घूमने के लिए
गली गली घूमने के लिए
पूरे देश में भ्रमण जो करना है
हैदराबाद पटना गया अजमेर जयपुर मथुरा वृन्दावन काशी मेरठ अलीगढ़ केरल आंध्र प्रदेश बिहार
कोई भी प्रदेश छूट ना जाए
गांव गांव गली गली
उसको तो बस ये प्रचार करना है कि
जल्दी शादी बरबादी बरबादी
छोटे से छोटा परिवार सुखी परिवार।
जल्दी शादी बरबादी बरबादी
छोटे से छोटा परिवार सुखी परिवार।
शख्स ने अपना देशव्यापी अभियान शुरू तो कर दिया
लेकिन कहीं से उसको भगा दिया गया
कहीं उसके पिटने की नौबत आ गई
कहीं उसकी जान पर बन आई
वो क्या कह रहा है
किसी ने ज़्यादा इस बात पर ध्यान नहीं दिया
कुछ लोगों ने उसके संदेश की सराहना भी की
और कहा कि कह तो तुम ठीक रहे हो
लेकिन अब हम जरा चलते हैं
हमें काम पर जाना है।
कुछ ने कहा कि बेकार की बात है
किसी ने कहा कि ये कोई पागल है
शख्स ने समझाया कि हमारा देश कितना गरीब है
हमारे रहने तक की व्यवस्थाएं
कितनी खराब हो चली हैं
पर्यावरण का कितना नुकसान हो रहा है
लेकिन बहुत कम लोगों के बात समझ में आई।
फिर एक दिन तो नौबत ये आ गई के
किसी गांव के कुछ गुंडे शख्स के पीछे पड़ गए
फिर क्या था…..