यदि आपको पानी से वंचित रखा जावे कुछ समय तक, और जल ना मिले केवल कुछ घंटे, तो जब आपको पानी मिलेगा उसमें इतना स्वाद आवेगा जो हम और आप सोच नहीं सकते।
ठीक इसी तरह अगर आपको भोजन ना मिले थोड़े समय के लिए, और जब मिलेगा तो इतना अच्छा लगेगा भले ही बिल्कुल फीका हो और स्वाद कम हो।
फिर भी स्वादिष्ट लगेगा और आप कोई शिकायत ना करेंगे।
ये ही मन का और हमारे जीवन का स्वभाव है।
जो चीज मिल रही है आसानी से उसकी कोई कदर नहीं, और जो नहीं मिलता उसके पीछे की दौड़ कभी खत्म नहीं होती।
अगर हम सब्र करना सीख लें और शुकराना करें ऊपर वाले का, तो दिलोदिमाग में सुख शांति आ जावे स्वयम, और इधर उधर व्यर्थ भागने से भी बचे रहें।