हम ये तो कहते हैं कि…… पॉल्युशन

हम ये तो कहते हैं कि फैक्ट्री से पॉल्युशन होता है, कंस्ट्रक्शन से पॉल्युशन होता है, लेकिन मैं कहूं तो हमारी बड़ी बड़ी दिखावे की गाड़ियों से भी पॉल्युशन होता है। दुनिया के हर बड़े शहर में हर समय दस लाख बड़ी बड़ी गाड़ियां दौड़ रही हर पल।

अजीबोगरीब बेमुरव्वत पागलपन सा है फिज़ा में। हां कभी कभी मैं सीधे सीधे बात कहे देता हूं। बुरा लगे या भला।

तो बड़ी बड़ी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगे। इन्हें सिर्फ इतवार या सरकारी छुट्टी वाले दिन सड़कों पर आने दिया जावे तो हवा में पर्यावरण में जमीन आसमान का अंतर आ जावे हमेशा के लिए। क्योंकि जो जहर हवा में आ गया वो कहीं भी और कभी भी गायब नहीं हो सकता कई वर्षों तलक।

So the big and mid size private cars are culprits and worth accusing, and should only be allowed to ply on holidays. And to the best of my knowledge, the second biggest contributor to bad environment are worldwide renovations, so unnecessary on most of the occasions. This I will try to discuss in some other article.

दूसरा दोष हम बेवजह घर बाहर की रेनोवेशन और तोड़ फोड़ को दे सकते हैं। ये चर्चा हम फिर कभी करेंगे।