प्रार्थना, भजन कीर्तन, इबादत, ध्यान

प्रार्थना, भजन कीर्तन, इबादत और शांति प्रकृति ध्यान, ये सब जरूरी है।
सबको उचित समय दीजिए।
न जरूरत से ज्यादा, ना कम।

रोजमर्रा की जिंदगी भी जरूरी है।
पढ़ाई लिखाई, पैसे कमाना, पारिवारिक समस्याएं, मनोरंजन, मैं किसी भी चीज को छोड़ने को नहीं कह रहा।
ये सब जिंदगी का इंद्रधनुष हैं।
जितना आवश्यक लगे, उतना ही करना चाहिए।

जिम्मेदारियां, कठिन परिश्रम, खेल कूद, सब अपनी जगह महत्वपूर्ण हैं।