इनके बारे में कोई बात नहीं करता

इनके बारे में कोई कभी बात नहीं करता। बड़े बड़े नेता राजनेता कोई भी नहीं। मैं बात कर रहा हूं छोटे छोटे बच्चों की जो पूरे हिंदुस्तान में क्या, पूरी दुनिया में सड़क पर रोजाना 12 से 18 घंटे भीख मांग रहे हैं। ये या तो अनाथ हैं या अनाथ जैसे ही मानो क्योंकि इनके मां बाप इनकी परवरिश करने में असमर्थ हैं ये साफ प्रत्यक्ष है। इनका कोई वोट बैंक भी नहीं क्योंकि ये अभी नाबालिग हैं तो शायद किसी राजनेता की कोई दिलचस्पी नहीं कि यहां अपनी दिलदारी दिखाए या इनके लिए कोई बड़ी योजना की घोषणा हो।

हां जब बालिग हो जाते हैं तो बड़े बड़े रोजगार के एलान होते ही हैं लेकिन ये इतने पढ़े लिखे नहीं या इतना हुनर नहीं सीख पाते कि कोई ढंका काम कर सकें। लिहाजा इनका इस्तेमाल या तो गलत तरीके से किया जाता है या ये छोटी मोटी चोरी चकारी में पड़ कर जीवन बर्बाद ही समझो। कभी हमें भी चाहिए कि अपनी तेज दौड़ती गाड़ी, स्कूटर, मोटर साईकल रोक सड़क किनारे इत्मिनान से थोड़ा इनका हालचाल और परिस्थिति के बारे में पूछें, या अनाथालयों में जा कुछ योगदान करें और समझने की कोशिश करें कि कहीं इनका शोषण तो नहीं हो रहा। ऐसे कई मामले सामने आते भी रहते हैं……..