गुरु गुमराह ना करे

गुरु गुमराह ना करे
या गलत रास्ते ना ले जाए
किसी को गुरु माने भी
तो थोड़े समय के लिए अवश्य ही

जो हमेशा रहेगा
जो स्थाई और सदैव है
वो केवल ऊपर वाला है

गुरु या शिक्षक भी इंसान है
और इंसान गलतियों का पुतला ही तो है
तो गुरु भगवान नहीं
कदापि नहीं
और यदि कोई भगवान बनने की कोशिश करे
तो उसकी ये बात सुन लेना बस
कुछ कहना नहीं
(शांति ध्यान)

बाकी सारी अच्छी बातें मान लें, ग्रहण कर लें
उन्हें गुरु, आचार्य, शिक्षक के सारे सम्मान दे दो
कोई कमी ना रखो
परन्तु कोई कहे कि उसे ही भगवान ने भेजा है
तो ना मानें
विरोध भी ना करें
वाद प्रतिवाद भी ना करें
मौन रहें क्योंकि आपको पता है
ईशवर ने तो सभी को भेजा है
वो अकेले तो नहीं
ये तो आपको भी मालूम है…….