खोल दो अपनी दरियादिली के द्वार
हिसाब मत लगाओ
अकसर हम हिसाब लगाते रहते हैं
कि वो मेरे लिए ये करेगा
तो मैं ये करूंगा
ना वो करता है
और ना मैं
और ये दुनिया ऐसे ही चल रही है
कोई किसी के लिए कुछ भी करने को राजी नहीं
उल्टा सब एक दूसरे की काट में लगे हैं
एक दूसरे के घर से ईर्ष्या और जलन
पड़ौसी देश हैं तो एक दूसरे पर पिस्तौल तान कर बैठे हैं
एक दूसरे पर बम गिराने को भी बेताब हैं
सारी तैयारी कर ली गई है।
छोटी सी बात पर वापस आते हैं अपने घर में
हमें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़ी सी दिलदारी और संवेदना की जरूरत है
दूसरा जो करता है करने दो
हम अपने आस पास तो चैरिटी करें
पड़ौसी को भी दिवाली, क्रिस्टमस, या ईद पर बधाई दें
इतना करें और अपने काम से काम रखें….