सही बात बताऊँ के नहीं

कई बार देखा जाता है कि हम छोटी से छोटी छुपाने में जी जान लगा देते हैं
और किसी के पूछने पर झूठ पे झूठ बोलना पड़ जाता है ना
तो जहां तक हो सके सच ही बोला जाए
है के नहीं
अपना हो या गैर
जिसने गलत करना है वो तो करेगा ही
आप रोक नहीं सकते
हां अपना मन साफ होना चाहिए
हमें क्या जरूरत झूठ के पुलिंदे बांधें
सीधे सीधे बात करें हम
अपना हो या गैर
कोई फर्क नहीं।